30-Oct-2024 | Home Loan
घर खरीदना या उसे अपग्रेड करना एक बड़ा निर्णय है, और ज्यादातर लोग इसे संभव बनाने के लिए होम लोन लेते हैं। भारत में बड़ी संख्या में लोग अपने घर के सपने को साकार करने के लिए होम लोन पर निर्भर हैं। लेकिन होम लोन लेने की प्रक्रिया में कई चरण (procedure) होते हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण स्टेप है होम लोन (डिस्बर्समेंट) वितरण। यह वह अंतिम स्टेप है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था आपके लोन को मंजूरी देती है और आपको लोन की राशि प्रदान करती है। aapko होम लोन वितरण (रिलीज़) की प्रक्रिया थोड़ी जटिल लग सकती है, लेकिन इस ब्लॉग में हम इसे सरल भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे।
होम लोन वितरण वह अंतिम चरण है जिसमें आपके घर की खरीदारी के लिए आवश्यक राशि de दी जाती है। इस प्रक्रिया में बैंक या लोनदाता आवेदक को लोन राशि ट्रांसफर करता है। यह तभी होता है जब आपने सभी कागज़ी कार्यवाही पूरी कर ली हो और वित्तीय संस्था द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा कर लिया हो।
आइए जानते हैं होम लोन वितरण प्रक्रिया में कौन-कौन से स्टेप्स शामिल हैं:
होम लोन के लिए आवेदन करना पहला चरण है। इसमें आपको निम्नलिखित काम करने होते हैं:
लोन आवेदन फॉर्म भरें: इसमें आपका नाम, आय, नौकरी और जिस संपत्ति को आप खरीद रहे हैं उसकी जानकारी भरनी होती है।
दस्तावेज़ जमा करें: पहचान पत्र, आय प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट और संपत्ति के कागजात जमा करने की आवश्यकता होती है।
क्रेडिट स्कोर: अच्छा क्रेडिट स्कोर होने से लोन जल्दी स्वीकृत हो सकता है। बैंक इसका उपयोग यह समझने के लिए करते हैं कि आप लोन चुकाने में कितने सक्षम हैं। आप ऑनलाइन टूल्स का उपयोग करके अपना क्रेडिट स्कोर भी जांच सकते हैं।
आपके लोन आवेदन और दस्तावेज़ों की जांच के बाद, बैंक निर्णय करेगा कि आवेदन स्वीकृत होगा या नहीं। अगर अप्प्रूव होता है, तो:
लोन ऑफर: बैंक आपको एक स्वीकृति पत्र देगा जिसमें लोन की राशि, लोन की अवधि, ब्याज दर, मासिक भुगतान की राशि और नियम व् शर्तें होती हैं, जिसे आपको सवीकार करना होता है ।
ऑफ़र स्वीकार करें: शर्तों से सहमत होने के बाद, आपको पत्र पर हस्ताक्षर कर उसे वापस करना होता है।
बैंक को यह सुनिश्चित करना होता है कि आप जो संपत्ति खरीद रहे हैं वह कानूनी रूप से सही है और जिस कीमत पर आप उसे खरीद रहे हैं, वह सही है।
कानूनी जांच: बैंक एक वकील नियुक्त करता है जो यह जांचता है कि संपत्ति की ओनरशिप स्पष्ट है और उस पर कोई कानूनी विवाद नहीं है।
तकनीकी जांच: संपत्ति की जांच एक विशेषज्ञ या संपत्ति मूल्यांकनकर्ता द्वारा की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह सही स्थिति में है और उसकी कीमत उचित है।
डाउन पेमेंट संपत्ति की लागत का वह हिस्सा है जो आप पहले से भुगतान करते हैं, जो आमतौर पर संपत्ति की कुल कीमत का 20-30% होता है। बाकी राशि बैंक उधारकर्ता को प्रदान करता है।
लोन समझौता
जब आपकी संपत्ति की जांच हो जाती है और आप डाउन पेमेंट कर देते हैं, तो आप बैंक या वित्तीय संस्था के साथ एक लोन समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं। इस समझौते में कई बातें शामिल होती हैं, जैसे:
लोन की राशि कितनी है?
ब्याज दर कितनी होगी?
लोन की अवधि कितनी है?
मासिक EMI कितनी होगी?
अब बैंक लोन राशि ट्रांसफर करता है। यह इस पर निर्भर करता है कि आप कौन-सी प्रकार की संपत्ति खरीद रहे हैं, जैसे कि एक तैयार घर या निर्माणाधीन घर। यदि आप एक पूरी तरह से तैयार घर खरीद रहे हैं, तो बैंक एक बार में पूरी राशि देगा। वहीं, यदि आप एक निर्माणाधीन घर खरीद रहे हैं, तो बैंक लोन राशि को किस्तों में देगा जिसे ट्रेंचेस में वितरण कहते हैं और यह निर्माण की प्रगति के अनुसार होता है।
लोन राशि मिलने के बाद, आप इसे EMI (मासिक भुगतान) के रूप में चुकाना शुरू कर देंगे। EMI में लोन की राशि और ब्याज का हिस्सा होता है। होम लोन EMI कैलकुलेटर का उपयोग करके आप जान सकते हैं कि हर महीने कितना चुकाना है।
समय के साथ, आप हर महीने EMI चुकाते रहेंगे जब तक कि पूरा लोन रीपे नहीं हो जाता। समय पर भुगतान करने से आप अतिरिक्त शुल्क और क्रेडिट स्कोर को खराब होने से बचा सकते हैं।
अच्छा क्रेडिट स्कोर: आपके लोन की स्वीकृति आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है। बेहतर क्रेडिट स्कोर से लोन स्वीकृति तेजी से होती है।
स्थिर आय: बैंक को आपकी स्थिर आय दिखाने से आपका आवेदन आसानी से स्वीकृत हो सकता है।
संपत्ति के दस्तावेज़: सुनिश्चित करें कि संपत्ति से जुड़े सभी दस्तावेज़ सही और संपूर्ण हों।
डाउन पेमेंट: डाउन पेमेंट की राशि समय पर उपलब्ध रखें।
होम लोन वितरण घर खरीदते समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह तब होता है जब बैंक यह सुनिश्चित कर लेता है कि आपके दस्तावेज़ और संपत्ति सब कुछ ठीक हैं। इन चरणों का पालन करके आप बिना किसी परेशानी के लोन प्राप्त कर सकते हैं। EMI कैलकुलेटर और अच्छा क्रेडिट स्कोर रखने से प्रक्रिया आसान हो सकती है।